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(as of Apr 25, 2025 06:27:08 UTC – Details)
बार-बार दोहराए जाते रहे और कानों में घुलते रहे पुराणों की महीयसी नारियों के चरित्र मानो मेरे चेतना पटल पर उकेर दिए गए हैं। उनके महनीय जीवन की विडंबनाएँ समाज को बार-बार झकझोरती रही हैं। ये पात्र निश्चित ही शक्तिशाली, धैर्यशील और दक्ष हैं, जबकि कैसे-कैसे दुर्योग, दुर्भाग्य का सामना उन्हें करना पड़ा है। उस समय के समाज ने किस रूप में स्वीकार किया होगा उन्हें? अपने जीवनकाल में भी कैसी सांत्वनाएँ मिली होंगी उन्हें? कैसी संभावनाओं के स्वप्न देखे होंगे उन्होंने ? क्या अदृष्ट के सम्मुख बार-बार न्याय की भीख माँगी होगी उन्होंने ? क्या साधारण नारी के, मनुष्य के जीवन-स्वप्न साकार हुए हैं? आगामी समय के विद्वानों ने उन्हें वर्गीकृत करने की चेष्टा की है। उनके जीवन को उदाहरणीय माना है।
उन्हें नित्य स्मरणीय की आख्या दी है और उनके स्मरण अर्थात् उनके जीवन को पापनाशक कहकर समझाया है। उन नारियों के जीवन को ध्यान से देखें तो यह प्रतीत होता है कि वे सभी घटनाचक्र, परिस्थितियों, अन्य मनुष्य या पुरुष के अन्याय की शिकार हुई थीं। परिस्थितियाँ कुछ दूसरी तरह की हुई होतीं तो शायद उनका जीवन इस तरह विडंबित न हुआ होता। वे मानसिक स्तर पर सबसे बड़े दुःख का बोझ उठाने को बाध्य हुईं। साधारण नारी का जीवन-यापन उनके भाग्य में नहीं था।
नारी अस्मिता और सम्मान को मुखर करने वाली भावपूर्ण, मर्मस्पर्शी, करुणामयी कहानियों का मनोरम संकलन ।
From the Publisher
Publisher : Prabhat Prakashan Pvt. Ltd. (20 January 2025); New Delhi-110002 (PH: 7827007777) Email: prabhatbooks@gmail.com
Language : Hindi
Paperback : 160 pages
ISBN-10 : 9355623127
ISBN-13 : 978-9355623126
Item Weight : 150 g
Dimensions : 22 x 14 x 0.8 cm
Country of Origin : India
Net Quantity : 1 Count
Packer : BestSellingBooks
Generic Name : Book