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अखंड भारत के भूखंड सिंध की मिट्टी में पल्लवित-पुष्पित कहानियाँ ही प्रमुख रूप से सिंधी कहानियों की अविरल बहती धारा का उद्गम बिंदु है। सिंधु नदी की निर्मल जलधारा की भाँति ही सिंधी कहानियाँ भी अपनी गति के साथ निर्बाध रूप से बह रही हैं। भारत-विभाजन के भूचाल से सिंध का सामाजिक, सांस्कृतिक व भौगोलिक ताना-बाना तहस-नहस हो गया। सिंध का हिंदू समाज निर्वासित हो गया। निर्वासन की इस पीड़ा का प्रभाव सिंधी कहानियों के विकास की गति पर भी पड़ा। सिंधी समाज का हर वर्ग खंडित भारत भूखंड में ‘अटो, लटो, अझो’, अर्थात् रोटी, कपड़ा और मकान के चक्कर में फँस गया। इससे लेखक वर्ग भी अछूता न रहा, उनका जीवन भी प्रभावित हुआ। कुछ ही वर्षों के अंतराल में कहानी लेखन की गति फिर बढ़ने लगी। अब कहानी जगत् के विषय भी अनेक थे। सिंध की भूमि से प्रेम, बिछोह, यादें, दर्द, पीड़ा, सरकारी निर्णय की निंदा के साथ-साथ विस्थापितों के कैंप में रहने के अनुभव, स्थानीय समाज के व्यवहार, संबंध, जीवन की संवेदनाएँ, कोमल व कठोर भावनाएँ सिंधी लेखक की कहानियों के विषय बने हैं। सिंध की लोकप्रिय कहानियों के इस संकलन में विविध विषयों, शैलियों को समेटने का प्रयास किया गया है। सिंधी कहानियों का आसमान अति विशाल है; उसमें से कुछ रत्न यहाँ हिंदी पाठकों के लिए इस पुस्तक में संकलित किए गए हैं।
From the Publisher
Sindhi Ki Lokpriya Kahaniyan by Ravi Prakash Tekchandani (Author)
सिंधी कहानियों का आसमान अति विशाल है; उसमें से कुछ रत्न यहाँ हिंदी पाठकों के लिए इस पुस्तक में संकलित किए गए हैं।
अखंड भारत के भूखंड सिंध की मिट्टी में पल्लवित-पुष्पित कहानियाँ ही प्रमुख रूप से सिंधी कहानियों की अविरल बहती धारा का उद्गम बिंदु है। सिंधु नदी की निर्मल जलधारा की भाँति ही सिंधी कहानियाँ भी अपनी गति के साथ निर्बाध रूप से बह रही हैं। भारत-विभाजन के भूचाल से सिंध का सामाजिक, सांस्कृतिक व भौगोलिक ताना-बाना तहस-नहस हो गया। सिंध का हिंदू समाज निर्वासित हो गया। निर्वासन की इस पीड़ा का प्रभाव सिंधी कहानियों के विकास की गति पर भी पड़ा। सिंधी समाज का हर वर्ग खंडित भारत भूखंड में ‘अटो, लटो, अझो’, अर्थात् रोटी, कपड़ा और मकान के चक्कर में फँस गया। इससे लेखक वर्ग भी अछूता न रहा, उनका जीवन भी प्रभावित हुआ। कुछ ही वर्षों के अंतराल में कहानी लेखन की गति फिर बढ़ने लगी। अब कहानी जगत् के विषय भी अनेक थे। सिंध की भूमि से प्रेम, बिछोह, यादें, दर्द, पीड़ा, सरकारी निर्णय की निंदा के साथ-साथ विस्थापितों के कैंप में रहने के अनुभव, स्थानीय समाज के व्यवहार, संबंध, जीवन की संवेदनाएँ, कोमल व कठोर भावनाएँ सिंधी लेखक की कहानियों के विषय बने हैं। सिंध की लोकप्रिय कहानियों के इस संकलन में विविध विषयों, शैलियों को समेटने का प्रयास किया गया है।
अनुक्रम
भूमिकायह भी कोई कहानी हैस्टिल चाइल्डस्त्री और पुरुषधरतीभूख, भिखारिन और कुत्ता6 जनवरी, 1948दोस्ती ने दगा दीबरसातऐसा क्यों थारिश्ते का अंतभिखारिनधरती से नातासंपत्तिएस.एम.एस.कोखअंतकमलीखून के छींटेप्रतिफलडेढ़ गाँठघरदेहदाननिकाह अथवा शादीग्रेनी ग्रेटआभारी हूँ, माधवी…दूध का गिलासअनकहा आख्यान
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Publisher : Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.; First Edition (19 January 2022); Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Language : Hindi
Paperback : 176 pages
ISBN-10 : 9355211945
ISBN-13 : 978-9355211941
Item Weight : 231 g
Dimensions : 20.32 x 12.7 x 1.27 cm
Country of Origin : India
Importer : (PH: 7827007777)
Packer : Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.,
Generic Name : Book