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(as of Sep 24, 2024 22:38:19 UTC – Details)
स्वर्गीय डॉ. पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल ने गोरखवानी की भूमिका में गोरखनाथ के अतिरिक्त अन्य नाथ सिद्धों की बानियों को भी प्रकाशित करने की घोषणा की थी, किन्तु असमय ही अकस्मात् देहान्त हो जाने के कारण यह कार्य न हो पाया। डॉक्टर बड़थ्वाल के इस महान् अधूरे कार्य का प्रस्तुत संग्रह द्वारा पूरा करने का प्रयत्न किया गया। प्रस्तुत संग्रह में नाथ सिद्धों की रचनाएं संपादित है। इनके रचयिता नाथ सिद्धों की कुल संख्या 24 है। जिन नाथ सिद्धों की बानियाँ इस संग्रह में सम्पादित है, उनमें गोरक्ष, मत्स्येन्द्र चौरंगीनाथ, चर्पट, काणेरी, जालंधरि, गोपीचन्द और भरथरी ऐतिहासिक व्यक्ति है। इन लोगों का समय 9वीं शताब्दी से 12ई. शताब्दी तक विस्तृत हैं। इनमें सर्वाधिक महिमामंडित व्यक्तित्व गोरक्षनाथ का है। बौद्ध सिद्धों और नाथ सिद्धों दोनों में समाहत मत्स्येन्द्र गोरख के गुरु थे। आचार्य हजारी प्रसाद जैसे अधिकारी विद्वान द्वारा सम्पादित यह कृति सभी दृष्टियों से उपादेय है।
ISBN-10 : 8188757217
ISBN-13 : 978-8188757213
Country of Origin : India