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राजस्थान में कई मन्दिर प्रसिद्ध हैं। नाथद्वारा में श्री नाथजी, जयपुर में गोविन्ददेवजी, मेहन्दीपुर के बालाजी, सालासर के बालाजी की जैसे सर्वत्र प्रसिद्धि हैं उसी प्रकार शेखावाटी अंचल में खाटू श्यामजी की मान्यता व्यापक है। सीकर जिले में खाटू ग्राम सीकर से 48 कि.मी. रींगस से 16 कि.मी. तथा दांता रामगढ़ से 30 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यहां भगवान श्री कृष्ण के ही स्वरूप श्याम जी का मन्दिर है जिससे यह खाटू श्यामजी अथवा खाटू श्यामजी के नाम से प्रसिद्ध है। इस विग्रह और मन्दिर के सम्बन्ध में महाभारत की कथा का उल्लेख किया गया है कि श्री कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप धारण कर भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक का मस्तक मांग लिया था। फिर उसको एक पर्वत शिखर पर स्थित कर दिया, जहां से उसने सम्पूर्ण महाभारत के युद्ध का अवलोकन किया। तदन्तर भगवान श्री कृष्ण ने ही प्रसन्न होकर उसको वरदान दिया कि वह कलियुग में उन्हीं के “श्याम” नाम से विख्यात और पूजित होगा। वही श्यामजी उक्त खाटू ग्राम में प्रतिष्ठित है और “खाटू श्यामजी” नाम से विख्यात है। सुप्रसिद्ध पत्रकार, साहित्य मनीषी और संशोधक स्वर्गय पं. झाबरमल्ल शर्मा ने शोध करके प्रथम बार खाटू श्यामजी का इतिहास लिखा तथा इसके साथ उनसे सम्बन्धित साहित्य का प्रकाशन भी किया है जिससे पुस्तक की उपायदेता बढ़ गई है और श्याम भक्त इससे लाभान्वित होंगे।
Publisher : Rajasthani Granthagar (1 January 2015); RAJASTHANI GRANTHAGAR, JODHPUR
Language : Hindi
Hardcover : 151 pages
ISBN-10 : 9384406309
ISBN-13 : 978-9384406301
Reading age : 7 years and up
Item Weight : 326 g
Country of Origin : India
Packer : RAJASTHANI GRANTHAGAR, JODHPUR