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(as of Sep 02, 2024 06:26:09 UTC – Details)
विश्वभर में बुद्धिजीव निरन्तर दोहरा रहे हैं कि तृतीय विश्वयुद्ध पानी के कारण होगा। राजस्थान में वर्षा का औसत अन्य क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम है इसलिए जल-संग्रहण के अनेक उपाय परम्परागत रूप से किये जा रहे हैं। ‘आज भी खरे हैं तालाब’ के लेखक अनुपम मिश्र ने गहराई से राजस्थान के परम्परागत जल संग्रहण के उपायों का विवेचन किया है। प्रस्तुत ग्रंथ में राजस्थान के विभिन्न तालाबों का शोधपरक विवरण प्रस्तुत किया है। अनुपम मिश्र के लेखन की एक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि उन्होंने सुदूर अंचलों में स्थित तालाबों का सूक्ष्मता से अध्ययन कर उनकी समस्त विशेषताओं को प्रकट करते हुए रोचक शैली में विवरण प्रस्तुत किया है। ‘आज भी खरे हैं तालाब’ की सार्थकता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक अल्प अवधि में ही इसकी लगभग एक लाख प्रतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। निःसंदेह राजस्थान के जल स्रोतों से संबंधित यह पुस्तक इस दिशा में शोध करने वाले विषयों के साथ ही जल-संग्रहण संबंधी चेतना जागृत करने वालों के लिए भी अत्यन्त ही उपयोगी एवं लाभप्रद सिद्ध होगी।
Publisher : Rajasthani Granthagar (1 January 2017); Rajasthani Granthagar
ISBN-10 : 9385593862
ISBN-13 : 978-9385593864
Country of Origin : India
Packer : Arihant Prakashan