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(as of Aug 27, 2024 17:37:24 UTC – Details)
राजस्थान री ऐतिहासिक बाता मांड र ठा. नाहरसिंह जसोल अैतिहासिक बातां री अंवेर करण वाळा री धकली पंगत रै विद्वानां री जोड़ में जाय पूगा है। जुगां सूं धोरा धरती रै मानखी होठां माथै उछळ-कूद करती अर ख्यातां में पगलिया मांड्योडी अैतिहासिक बातां नै सजा-संवार‘र थुथकौ न्हाकै जैड़े ओपतै-फाबतै रूप में लिखण रौ अलखौ कारज सारण रा जतन करण वाळा ठा. नाहरसिंह जसोल नै निस्छै ई इण पोथी रै पांण साहित्य रै पाळै रै साथै ई इतिहास री दीठ सूं ई घणौ जस मिळैला। ठा. जसोल आप क्षत्रियत्व रै गुणां नै देखिया इज नीं है, वां री व्यक्तित्व ई इणां मांय सूं घणकरी बातां री सांप्रत साख भरै। इण सारू वे पूरी गहराई सूं इती झाणी अर गरबजोग बातां लिख सकिया।
ISBN-10 : 9385593145
ISBN-13 : 978-9385593147
Country of Origin : India