Price: ₹249 - ₹219.00
(as of Nov 02, 2024 06:58:52 UTC – Details)
‘मैं उर्दू हूँ’ एक भाषा के सफ़र का संस्मरण है। ये किताब उर्दू के प्रारम्भिक युग से शुरू होती है और मीर-ओ-ग़लिब से लेकर आधुनिक युग के नामचीन साहित्यकारों की उँगली थामे उस जगह तक जा पहुँचती है, जहाँ प्राचीन भाषाओं और लिपियों का ज़िक्र स्वाभाविक हो जाता है। इस संस्मरण में धीरे-धीरे ये भेद भी खुलता है कि सभी भाषाओं में कुछ न कुछ साम्य है और प्रत्यक्ष रूप से असंबद्ध लगने वाली देवनागरी, फ़ारसी और अरबी लिपियाँ दर-अस्ल एक ही मूल से निकली हैं। ये किताब लेखक और उर्दू के बीच होने वाला एक रोचक वार्तालाप है जो भाषाओं की व्युत्पत्ति, विकास और प्रसार के विषयों पर रौशनी डालता है।
Product Description
About the book
“Mai Urdu Hoon” is a memoir of the journey of a language. This book starts from the early era of Urdu, holding the hands of famous literary figures from Mir and Ghalib to the modern era, reaching the point where mentioning ancient languages and scripts becomes natural. In this memoir, it gradually reveals that all languages share something in common, and the seemingly unrelated Devanagari, Persian, and Arabic scripts actually originate from the same source.
Publisher : Rekhta foundation (1 January 2023)
Language : Hindi
Paperback : 186 pages
ISBN-10 : 9394494340
ISBN-13 : 978-9394494343
Reading age : 12 years and up
Item Weight : 200 g
Country of Origin : India